सोशल मीडिया का भ्रम जाल
इससे पहले की अपने लेख में मैंने सोशल मीडिया से जुड़ी साकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को संक्षिप्त शब्दों में साझा किया है। साथ ही हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है की सोशल मीडिया से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा किया जाय। यह बहुत ही गंभीर और महत्वपूर्ण विषय हैं क्योंकि सोशल मीडिया का भ्रम जाल हमारे निजता, पारिवारिक सौहार्द, बौद्धिक जीवन, संस्कृति, सामाजिक समरसता को बर्बाद कर रहा है, और यह भ्रम जाल में सबसे ज्यादा बच्चें तथा यूवा पीढ़ी बर्बाद हो रहे है। मानव जीवन की उम्र की अवस्थाओं की बात करें तो किशोरावास्था और युवावस्था यह वह प्रभावशाली अवस्थाएं है जिनके विचार आगे का भविष्य को सृजन करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह अवस्था आदान–प्रदान की अवस्था होता है। एक अवस्था आदान करता है और दूसरा अवस्था प्रदान करता है यानी सरल शब्दों में कहें तो किशोरावस्था कुछ लेने की क्रिया है और युवावस्था कुछ देने की क्रिया है। भविष्य सृजन का अर्थ सिर्फ संसाधानों का अविष्कार करना नही होता बल्कि रहन–सहन, संस्कृति, सामाजिक समरसता, बौद्धिक ज्ञान, संबंधों इत्यादि से जुड़ा है। मानव जीवन की आयु...