आत्मज्ञान ही मोक्ष का मार्ग है।
वास्तव में मोक्ष का मार्ग क्या है? क्या वास्तव में यह धर्म, अर्थ, या काम संगत है, या जीवन, मृत्यु, और पुनर्जन्म के चक्र से आज़ाद होना मोक्ष है? मोक्ष एक दार्शनिक शब्द है, जो सभी धर्मों में प्रमुखता से आता है जिसका अर्थ है मोह का क्षय होना या एक शब्द में इसे कहे तो ‘मुक्ति’। संसार में जन्मा मानव मोक्ष अथवा मुक्ति का मार्ग पाना चाहता हैं। अब ऐसे में प्रश्न उठता है कि हमें ‘मुक्ति’ किससे चाहिए और क्यों चाहिए? क्या मोक्ष का असल तात्पर्य जीवन के अंतर्गत है, या मृत्यु के पश्चात? मनुष्य जीवन को चार प्रमुख उद्देश्यों में बांटा गया है – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष । ये चारों आपस में गहरा संबन्ध रखते हैं। धर्म का अर्थ है वे सभी कार्य जो आत्मा व समाज की उन्नति करने वाले हों। अर्थ से तात्पर्य है किसी अच्छे कलात्मक कार्य द्वारा धनार्जन करना। काम का अर्थ है जीवन को सात्विक व सुःख सुविधासंपन्न बनाना। मोक्ष का अर्थ है आत्मा द्वारा अपना और परमात्मा का दर्शन करना। मानव जीवन में मोक्ष से जुड़ी अलग अलग धारणाएं और विचार देखने और सुनने को मिलती है। सभी प्रणालियों में मोक्ष की कल्पना प्रायः आत्मवादी...